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सोवण री लोरी मत दे मां / करणीदान बारहठ

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सोवण री लोरी मत दे मां, जागण री बेला आई है।
जीवण रो मजो आज ही है, आ मरण बुलावो ल्याई है।

पड़खाउ जीवण जीता हा,
ओ जीवण साची भूंडो हो।
दुश्मण जै आंख दिखावै तो,
जोबन रो कालो मूंडो हो।

रण में जद बाजै शहनाई,
दुश्मण री होवै ललकारां।
जे भरी जवानी सूती रह,
बो देश सवै खोटी हारां।

भारत रो किशन सोवैलो तो,
द्रोपदी चीर हरण होसी।
भारत रो राम रोवैलो तो,
अहिल्या पत्थर बणी रहसी।

जोबन जै सोवै सेजां पर,
जोबन जै झूलै झूलां में।
आच्छो हो मायड़ नहीं जणती,
जै जणती देती चूलै में।

मां आज सजा दे अंग-अंग, लड़नै री बेला आई है।
जीवण रो मजो आज ही है, आ मरण बुलावो ल्याई है।

जीवण रो मर्म मौत में है,
जै कोई आज मरण जाणै।
जीवण रो धर्म जोत में है,
जे कोई आज जलण जाणै।

सोनो चांदी हीरा मोती,
ई काया रो सिंगार नहीं।
जे मरै नहीं मायड़ खातर;
बीं माणस री दरकार नहीं।

म्हे आज रमतां बै रमस्यां,
माथां रा जठै मजा होसी।
लोही रो लाल गुलाल जठै,
काया रो साज सजा देसी।

भाजण में हार लिखी होसी,
मरणै में जीत जड़ी होसी।
जीवण नै जीवण कहवै जद,
जीवण रो प्यार नहीं होसी।

मां आज लगादे बो कूं कूं, जीवण री बेला आई है।
जीवण रो मजो आज ही है, आ मरण बुलावौ ल्याई है।

मरदां री मरजादा एहड़ी,
हारण रो नाम नहीं लेवै।
जद हार जीत री बाजी हो,
माथै नै तोड़ बगा देवै।

भारत री कूख बणी एहड़ी,
माथै री सैनाणी देवै है।
भारत रै वीरां री गाथा,
धोरां री लाली कहवै है।

म्हे केसरिया बाना पहर्या है,
जौहर री ज्वालावां देखी है।
इज्जत नै बटो नहीं लाग्यो,
म्हानै मरणै री शेखी है।

माची री मौत दिला मत मां,
काया रणखेतां जावैली।
बाणां री सेजां सोवांला,
जद मौत बुलाई आवैली।

आज विदाई दे दे मां, वीरां री बेला आई है।
जीवण रो मजा आज ही है, आ मरण बुलावो ल्याई है।