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पहाड़ मा / अनूप सिंह रावत
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पहाड़ मा
पहाड़ ही
रूणा छन.
पलायन,
बेरोजगारी,
की मार देखि.
सबसे ज्यादा
जू कर्ता छि,
जू धर्ता छि,
तौं नेतों,
अफसरों कु,
व्यवहार देखि..
सुखदा पाणी का,
मंगर्युं देखि.
परदेश बगदा,
मनिख्युं देखि.
शिक्षा की,
गुणवत्ता देखि.
हस्पतालों का,
खस्ता हाल देखि,
उजिडीदी कुड़ी,
बांजी पुंगडी देखि..
बंद हुंदा,
बाटो देखि.
परदेश जांदी,
सडिक्यों देखि.
आग से फुकेंदा,
जंगलों देखि.
कम हुंदा,
पौन पंछ्यों देखि..।