भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चुप्पी / दुष्यन्त जोशी

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:46, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

टाबर
जद बोलणौ सीखै
तद
राजी हुवै सगळा

अर जद बोलण लागै
तद
चुप रैवण री
करै ताकीद

म्हूं अबै
चुप रैवूं
तद
संगळिया कैवै
चुप्पी चोखी कोनी
जिनगी रा दिन च्यार
कीं' बोले कर यार।