भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बीज / मीठेश निर्मोही
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:00, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीठेश निर्मोही |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
पाक्यां धूड़ में मिळै
फेरूं ऊगै, घूंटीजै, तणै
फूलै, फळै अर
फेरूं बीज बणै।
आइज
थारी बांण
औ इज
थारौ धरम
आ इज
थारी मुगती।