भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
परजीवौ / मीठेश निर्मोही
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:17, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीठेश निर्मोही |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
दूजती भैंस रै
थणां चिपयौ
चींचड़ौ
फोगट रौ,
रगत चूस-चूस
व्हे जावै
लाल चुट्ट।