भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शिव जी हीरो बनोॅ हो-36 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:02, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अच्युतानन्द चौधरी 'लाल' |अनुवादक= |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चैती

मलमल के अंगिया मंगाय दे जी सैयां मलमल के अंगिया।।
जैपुर सें चुनरी बनारस सें लहंगा
पटना सें चोलिया सिलाय दॅ जी सैयां पटना सें चालिया।।
बगिया सें चुनी चुनी बेलिया चमेलिया
रचि रचि सेजिया सुताय दॅ जी सैयां रचि रचि सेजिया।।

पुरबी

सैयां छोड़ी दॅ नौकरिया हे चाकरिया छोड़ोॅ ना।।
रातभर जागी जागी करैछी बिहनियां हे नौकरिया छोड़ोॅ ना।।
जबॅ सें कि सैयां तोरोॅ भेलै हे बदलिया तोहें भुलिये गेल्हॅ ना
सैयां हमरोॅ सुरतिया हे बिसरिये गेल्हॅ ना।।
जाय कॅ बुलाकोॅ में सैयां
करबै गोड़ पड़िया सी. ओ. करिये देतै ना
तोरोॅ गामोॅ में बदलिया सी ओ. करिये देतै ना।।
हमरोॅ अरजिया सैयां सी ओ. नै सुनलकै
तबॅ चल्लोॅ अइहोॅ ना छोड़ी छाड़ी कॅ नौकरिया
सैयां चल्लोॅ अइहोॅ ना।।

पुरबी

हमरोॅ माथा के टिकुलिया हे हेराइये गेलै ना।।
हेराइये गेलै ना हे हेराइये गेलै ना हे हेराइये गेलै ना।।
कोठवा खोजलियै कोठरियो खोजलियै हमरा नहियें मिललै ना।।
हमरोॅ माथा के टिकुलिया हमरा नहियें मिललै ना।।
ऐंगनोॅ खोजलियै देहरियो खोजलियै हमरा नहिये मिललै ना
हमरोॅ माथा के टिकुलिया हमरा नहियें मिललै ना।।
हटिया खोजलियै बजरिया खोजलियै हमरा नहिंयें मिललै ना
हमरोॅ माथा के टिकुलिया हमरा नहियंे मिललै ना।
खोजी खाजी हारी पारी गेलियै सेजरिया हमरा मिलियै गेलै ना
हमरोॅ माथा के टिकुलिया हमरा नहियंे मिललै ना।