भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दुनिया-दोय / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:43, 3 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=ठा’...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
टाबरां रा सगळा खेलकूद
छोरियां रा नाच-गाणां
बूढा-बडेरां री
लाम्बी-लाम्बी बातां
गिटग्यौ काँच रौ बक्सौ
अर
रई सई कसर
पूरी कर दी मोबाइल
अबै सगळा
आपरी उधेड़ै
अर आपरी सीवै
आखौ जग
आप-आपरी दुनिया में जीवै।