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प्यार दिल से मिटा नहीं सकता / रंजना वर्मा

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प्यार दिल से मिटा नहीं सकता
यार का दिल दुखा नहीं सकता

सांवरा जिस के दिल मे बसता है
वो किसी को रुला नहीं सकता

राह में जो खुदा के रौशन है
दीप कोई बुझा नहीं सकता

हो गया ज्ञान का नशा हो जब
इल्म उसका घटा नहीं सकता

कितना आसान है ये कह देना
यार अब मैं निभा नहीं सकता

हमसफ़र साथ छोड़ जाये तो
कोई उसको भुला नहीं सकता

दर्द सा दिल मे जो पनपता है
कोई मुँह से बता नहीं सकता

बावफ़ा उम्र भर रहा है जो
छोड़ अब वो वफ़ा नहीं सकता

तुझको धड़कन में बसा बैठे हैं
हो कभी फ़ासला नहीं सकता