भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नखरी माया / बलबीर राणा 'अडिग'

Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:57, 7 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बलबीर राणा 'अडिग' }} {{KKCatGadhwaliRachna}} <poem> थात...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

थाती माटी की माया बिथोंदी
भैजी यु माया भारी नखरी होन्दी
गौं ख्वाला धार पुंगणो रिन्गोंदी
चौक तिर्वाला उबरा डंडयाली घुमोंदी

माया उठदा बैठदा काका बोडों की
माया खेल्दा फाल मर्दा भुला भूलियों की
माया मयाली भाभी सर्मांदी ब्वारी की
माया रगर्याट कणि बोड़ी ककडाटी काकी मा पिडौंदी
भैजी यु माया भारी नखरी होन्दी

माया रमणाट कणि भैंसी अर तिबडाट कणि बाछी मा
माया उज्यडया गौड़ी अर मर्खु बल्द मा
माया बखरों का ग्वोठ अर नखर्याली बिराली दगड भर्मोंदी
भैजी यु माया भारी नखरी होन्दी

माया हौन्सिया स्कुल्या नोनी नोनु मा
माया चखडेत कख्ड़ी च्वोर छोरुं मा
माया बौडर मा खडु अडिग फौजी भुला दगड रोन्दी
भैजी यु माया भारी नखरी होन्दी।

माया ढोल दमो की सबत भौंकरा रणसिंगा गरज की
माया डोंर थकुली की भौंड जागरी गाथा की
माया बाँसुरी की तान घस्येरियों का गीत मा चितोंदी
भैजी यु माया भारी नखरी होन्दी।

माया! हे माया! यु माया, तु माया,
जख देखा तेरी छाया तेरी काया
घुघूती की सांखी हिलांसे की भोंण
बांजे जड़ियों कु पाणी हरिय्याँ भारिय्याँ बोण।
माया जिन्दगी का होर-पोर बिथोंदी
भैजी यु माया भारी नखरी होन्दी।