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स्मृति और दूरी / रसेल एडसन / प्रचण्ड प्रवीर
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यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि दूरी में प्रवेश करते हुए कोई छोटा होने लगता है। अन्ततः इतना छोटा हो जाता है कि वह केवल एक दूरबीन से देखा जा सके, या फिर बहुत अधिक आत्मीयता के लिए, केवल एक सूक्ष्मदर्शी से…
लेकिन एक लोप हो जाने वाला बिन्दु भी है, जहाँ किसी को भी दूरी में प्रवेश करते हुए ग़ायब ज़रूर होना होता है, बिना वापस लौटने की उम्मीद के, अपने कभी होने की केवल एक स्मृति शेष कर।
लेकिन वहीं कल्पित कहानी भी है, जहाँ कोई कभी पूरी तरह आश्वस्त नहीं होता कि जो देखते-देखते अन्त में ग़ायब हुआ, वह कोई था भी या केवल काग़ज़ और स्याही से बना हुआ कोई…
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : प्रचण्ड प्रवीर