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झूठी न कोई बात बनाने की बात कर / रंजना वर्मा

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झूठी न कोई बात बनाने की बात कर
जो रूठ गये उन को मनाने की बात कर

भटके जो अँधेरों में नहीं राह मिल सकी
उनके लिये तू दीप जलाने की बात कर

आसान बहुत है किसी को देना भरोसा
वादा जो किया उस को निभाने की बात कर

ईमान और सच की बात कौन है सुनता
बहरे हैं सभी फिर भी सुनाने की बात कर

नफरत के सभी बीज ढूंढ़ कर तू जला दे
मीठे वचन से दिल को लुभाने की बात कर

हर बार पतझरों ने सताया है धरा को
बरसात को बहार को लाने की बात कर

क्यों रूठ के है जिंदगी से दूर हो गया
आ यूँ न कभी लौट के जाने की बात कर