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कन्हैया तुम्हारा सहारा सदा / रंजना वर्मा

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कन्हैया तुम्हारा सहारा सदा
यूँ ही साथ देना हमारा सदा

कभी जब पड़ी भीर है भक्त पर
विकल हो तुम्हीं को पुकारा सदा

सताने लगी जब विकलता हमे
तुम्हीं को है मोहन निहारा सदा

भँवर में पड़ी जिंदगी की तरी
हमें पार तुम ने उतारा सदा

जगत सिन्धु भूले दिशा ज्ञान भी
दिखाया तुम्हीं ने किनारा सदा

अगर भूल भक्तों ने की है कभी
उसे साँवरे ने सुधारा सदा

बिगड़ने लगा धर्म का रूप तो
तुम्हींने है बढ़ कर सँवारा सदा