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निर्वासन / त्सेरिंग वांगमो धोम्पा / अनिल जनविजय

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दूर से देखो तो पृथ्वी का नक़्शा हमें ज़्यादा साफ़ दिखाई देता है
जैसे मैं जहाँ की रहने वाली हूँ
वह जगह अब इस नक़्शे पर कहीं नहीं है
इस तरह के तमाम सिद्धान्तों और प्रयोगों के बावजूद
कि लाल रंग भावनाओं को अभिव्यक्त करता है,
हमारा ख़ून हमारे रिश्ते-नातों को स्वाभाविक रूप से व्यक्त नहीं करता
अपनी पसन्द को कुतर्क भरी तरजीह देने की वजह से
हम अपने विचार अक्सर बदल लेते हैं
(और भूख को एक तस्वीर की तरह चौखटे में मढ़ देते हैं)
खोह पर लगा देते हैं सरियों का जंगला
अपने साम्राज्य को बनाए रखने के लिए बनाते हैं नियम और कानून
प्लास्टर और काग हमें बचाए रखते हैं डूबने से।
ज़रूरतें हमारी आवाज़ को बाहर निकलने से रोकती हैं
मानो इन कीलों ने ही थाम रखा है हमारे घर को।

पँचवर्षीय योजनाओं में शामिल शहर
ख़रीद-फ़रोख़्त के सपने दिखाते हैं
दूसरे शब्दों में कहें तो वे
सफलता का ऐसा तरीका बताते हैं
जिसकी खिड़कियों से दिखाई देता है लहराता नीला सागर
और हरे-भरे पहाड़ों के विहंगम दृश्य।
हम रेत के महल बनाते हैं
और उनको सुरक्षित रखने की कोशिश करते हैं
हम यह भूल नहीं पाते
कि पुरानी जगह पर हम क्या-क्या छोड़कर आए हैं
नई जगह हमें देती है
समयानुसार विकास के अवसर
उस वायदे के अनुसार जो हमसे किया गया था।

सैलानियों को शहर घुमाते हुए उनके भ्रमण कार्यक्रम में
शहर के कसाईख़ाने को शामिल नहीं किया जाता
क्योंकि लोग मौत को देखना नहीं चाहते।
सैलानी अन्दाज़ा लगाते हैं कि इस शहर के लोग ग़रीब हैं
इसलिए उनके मन में न कोई तमन्ना है, न उनकी कोई मुरादें
वे दूर से देखते हैं कि वे मुफ़लिस हैं, और ख़ुश हैं
पर
उनकी चुप्पी ही उनकी यातना है।
आख़िर ग़रीब लोग ही ख़ुदा से दुआ माँगते हैं
और सुख की कामना करते हैं
या कम से कम ख़ुदा की कृपा में विश्वास रखते हैं।
हम साग-सब्ज़ियों को बेचना चाहते हैं
और इसके लिए अपनी गाय-भैसों को मार देते हैं
एक सन्त ने कहा था — नौजवान तुम्हारा इस्तेमाल
शहर की टैक्सियों की तरह करेंगे।
तुम्हारे नसीब में अकेले रहना लिखा है।
औरतों ने फूलों का जो लाल कालीन बिछा रखा है
एकाएक बन्दर उन फूलों को
झपट ले जाते हैं।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय

लीजिए, अब अँग्रेज़ी में यही कविता पढ़िए
        Exile

From a distance, topography is intent
as in, Where I am from is no more.
Blood is not a natural conclusion
to kinship despite theories and experiments
where red prefaces emotion. One thought
supplants the other in the sophistry of choice
(therefore, hunger is a project to fit
into the frame.) Grids in the caves
we build attest to an empire
of codes: plaster and cork keep us
afloat. Necessity deigns
the cessation of sound as nails
hold this house upright.

Cities with five-year plans
dream of purchase. Allotment
of success systemic with windows
glimpsing blue ocean or unmoving
mountain, a view, in other words.
No matter we are building
on sand. We begin with certitudes
when securing our spot.
We cannot forget
what we leave, arrival
allows discovery in increments.
In time, is promised, in sight.

An abattoir is not on the city tour because tourists
do not wish to see death. They surmise that being poor,
natives are naturally without longing. The poor are happy,
they observe from a distance. To remain silent is on occasion
to suffer. Again, it is the poor who gives to the divine
or to the idea anyway. We kill the water buffalo
and cows live to ransack vegetables out for sale.
The sage said, Young men will use you like the taxis
of this city. To live alone is your lot.
Monkeys swooped on flowers
laid out by women in sheathes of red.

— Tsering Wangmo Dhompa