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मन्दिर मस्जिद गिरजाघर, और देख्या गुरुद्वारा मनै / हरीकेश पटवारी

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मन्दिर मस्जिद गिरजाघर, और देख्या गुरुद्वारा मनै,
तेरा गांव घर तू ना मिल्या, ब्रह्मांड ढूंढ लिया सारा मनै || टेक ||

काशी मक्का हरिद्वार, ननकाणे धक्के खाए प्रभु,
पूरी द्वारका अयोध्या ढूंढ़ी, नही बृज में पाए प्रभु,
चार धाम अड़सठ तीर्थ सब, कुरुक्षेत्र में नहाये प्रभु,
श्री गंगा यमुना सरस्वती म्य, सौ-सौ गोते लाये प्रभु,
जो बिन जल तीर्थ आये प्रभु, लिया लीप बदन कै गारा मनै,
खूब लगाया पापनाशिनी, हर हर गंगे नारा मनै ||

पैर बांध गया लटक कुए म्य, नही मरण तै डरया प्रभु,
क्षुधा तृषा निंद्रा तजकै, मनै ध्यान आपका धरया प्रभु,
मौन धारया फिरया नग्न बणा म्य, विकट कष्ट दुख भरया प्रभु,
एक महीना तलक व्रत मनै, चन्द्रायण का करया प्रभु,
मैं व्यर्था भूखा मरया प्रभु, न्यू ही करी एकादशी 12 मनै,
मस्टंडे ठग पाखंडियो नै, ठग लिया दे दे लारा मनै ||

काली भैरव हनुमान और, सप्तशति दुर्गे माई,
सब पूजे ब्रह्मा विष्णु, शिव शंकर की महिमा गाई,
सिख समाजी जैन बण्या मैं, मुसलमान और ईसाई,
गिरी पूरी रोड़े कुलके, सब पन्थों म्य ठोकर खाई,
धुणी पांच जेठ में लाई, पोह में ली जलधारा मनै,
ग्रन्थ कुरान अंजिल शास्त्र, खोजे पुराण अठारा मनै ||

पीर पादरी अकालियों की, सेवा करी हमेश प्रभु,
काम क्रोध मद लोभ मोह का, संग म्य मिल्या क्लेश प्रभु,
योगी मुनि महात्माओं का, खूब सुण्या उपदेश प्रभु,
पण्डित गुणी कवि सब, देख लिया हरिकेश प्रभु,
एक मंत्रमूल विशेष प्रभु, बतला दिया मम्मा रारा मनै,
पांच तीन दो दमन करण, काफी मिल्या सहारा मनै ||