भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हवा के परामर्शदाता / जोस इमिलिओ पाचेको / राजेश चन्द्र

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:55, 6 जुलाई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जोस इमिलिओ पाचेको |अनुवादक= राजे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जब भी सोचता हूँ
कि महत्वपूर्ण
हूँ मैं

एक मक्खी
चली आती है
कहती हुई —

कुछ भी नहीं हो तुम।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र