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सम्पुट /राम शरण शर्मा 'मुंशी'
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आकृतियाँ दिव्य
हृदय विष-तिक्त
वैभव का दाप
प्राण रस-रिक्त
अध्यात्म, योग,
ज्ञान, आत्मा,
सम्पुट : लाभ, लोभ,
वित्त-परमात्मा !