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कहवाँ होलिया में हेरैलोॅ / मनोज कुमार ‘राही’

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कहवाँ होलिया में हेरैलोॅ,
बताय देॅ भौजी
कहाँ चोलिया रंगबैलोॅ
बताय देॅ भौजी

घरवा में खोजलिहों,
ग्लियोॅ में ढूँढलियों,
कहवाँ छुपी गेलै
बताय देॅ भौजी
कहवाँ होलिया
तोरा बिन हम्में,
कैसें होलिया मनैबै,
जब तक तोहरा नै रंगवा लगैइबै,
कहवाँ होलिया में

तोहरे बिनु हमरोॅ
होलिया बेरंग हे
कुछ न सोहाय हमरा,
सभ्भेॅ बदरंग हे
कहाँ चुनरिया भींगैलोॅ,
बताय देॅ भौजी
कहवाँ होलिया में