भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक शे’र6 / अली सरदार जाफ़री

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:42, 22 जुलाई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अली सरदार जाफ़री }} Category: शेर <poem> एक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


एक शे’र
======
यह किसने फोन पर दी साले नव की तहनियत<ref>शुभकामना. </ref> मुझको
तसवुर रकस करता है तरवय्युल गुनगुनाता है

शब्दार्थ
<references/>