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भरम / लक्ष्मीनारायण रंगा

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सपनां रा मिरगला
भरता रैया
कुळाचां
रात भर
बाळू री लैरां नैं
पाणी समझर,
पण तोड़ नाख्यो
उणां रो दम
दिनूगै री
किरणां री लैरां