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हाइकु 12 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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बध रैयो है
रावण अहंकार
लुटसी लंका
प्रगटा रैया
पारदर्सिता इसी
पर्दा-ई-पर्दा
साईजम है
लोकतंत्र रा हाथी
दबै जनता