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सुन्नर जिनगी / अरुण हरलीवाल

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आवइ जा, हो सखिया!
कि गावइ जा, हो सखिया!
रंगऽ में रंगऽ मिलावइ जा, हो सखिया!

उरऽ से उरऽ मिले,
सुरऽ से सुरऽ मिले।
तालऽ से तालऽ मिलावइ जा, हो सखिया!

सुन्नर हइ जिनगी,
सुन्नर हइ दुनिया।
सुन्नर अउर बनावइ जा, हो सखिया!