भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जनाब तबस्सुम अलीपुरी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी

Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:37, 13 अगस्त 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रतन पंडोरवी |अनुवादक= |संग्रह=हुस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अगर आप को ख़्वाजा हाफ़िज़ शीराज़ी की तालीमात का अलम बरदार कहा जाये तो ग़ैर अग़लब न होगा। ख़्वाजा हाफ़िज़ शराबे-मारिफ़त के रसिया थे। जनाब 'रतन' की तक़दीर-ओ-तहरीर से अयाँ है कि आप भी इसी दौलत से मालामाल हैं।