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चूम लेता हूँ हाथ क़ातिल के / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
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चूम लेता हूं हाथ क़ातिल के
हौसिले देखिये मेरे दिल के
कौन पुर्साने-हाल है दिल का
किस से कहिये मुआमले दिल के
तेरे ग़म तेरी याद तेरे तीर
दिल में आये तो हो रहे दिल के
ख़ून रोती हैं हसरतें दिल की
ज़ख्म़ ख़ुर्दा हैं वलवले दिल के
वक्त़ पड़ने पे साथ छोड़ गये
ना-ख़ुदा मेरी कश्तिए-दिल के
दिल का हरगिज़ बुरा नहीं 'रहबर`
आप चाहें तो देख लें मिल के