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हंसता चेहरा उदास छोड़ गया / ईश्वरदत्त अंजुम

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हंसता चेहरा उदास छोड़ गया
याद वो मेरे पास छोड़ गया

नाम लेती नहीं जो बुझने का
कोई एक ऐसी प्यास छोड़ गया

बात करके ज़बाने-शीरीं से
हर नफ़स में मिठास छोड़ गया

वक़्ते-रुख़्सत तपाक से मिलकर
मुझको नस नस उदास छोड़ गया

क्यों उसे ढूंढते हो तुम अंजुम
जो तुन्हें महवे-यास छोड़ गया।