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अंदरक गंगा / ककबा करैए प्रेम / निशाकर

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हमरा अंदर बहैत अछि एकटा गंगा ओहिमे चुभकैत अछि बेदरा-बेदरी मरद-स्त्री बुढ़बा-बुढ़िया मछबार मारैत अछि किसिम-किसिमक माछ महीसबार नहबैत अछि महीस-महिसीकें पाबनि-तिहारमे बढ़ि जाइत छैक घाट परक पंडाक रोआब हजामक कैंचीमे आबि जाइत छैक फुर्ती भिखारिक भीख अहगर भऽ जाइ छैक पुलिसक बढ़ि जाइत छैक आमदनी।