भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एहि भयाओन समयमे / गंग नहौन / निशाकर

Kavita Kosh से
Jangveer Singh (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:22, 19 सितम्बर 2018 का अवतरण (' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशाकर |अनुवादक= |संग्रह=गंग नहौन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


बेरोजगारीक मारि
सहऽ बलाक लेल
रोजगार पाएब
होइत अछि स्वप्न सन
एहि भयाओन समयमे।

पसरैत अछि लोमहर्षक दृश्य
हॉलीबुडसँ वॉलीवुड धरि
संसदसँ सड़क धरि
शिक्षालयसँ वेश्यालय धरि
आ गलीसँ ओछाओन धरि
एहि भयाओन समयमे।

आन्हर कानून
नाँगर प्रशासन
बौक विचारक
आ घाघ होइछ मंत्री
एहि भयाओन समयमे।

आब
के मानत?
ककर बात
टूटैछ सम्बन्ध
जन्म लैछ
मोनमे कुण्ठा
एहि भयाओन समयमे।