Last modified on 19 सितम्बर 2018, at 02:52

महाभारत / गंग नहौन / निशाकर

Jangveer Singh (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:52, 19 सितम्बर 2018 का अवतरण (' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशाकर |अनुवादक= |संग्रह=गंग नहौन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


एक दिन
छाउर भऽ जएतै ओकर देह
मिझरा जायति माटिमे
तैयो
चमकैत रहतै आकर स्मृति
बिजुरी बनि हमरा मोनमे।

आशिकीक रंग मद्धिम नहि होएतैक
कहियो
आशिकीक रंग मद्धिम नहि होएतैक
कहियो
आशिकी खतम नहि होएतैक
हमहूँ
कालसँ लड़ैत रहबै
लथ-पथ होइत रहबै।
माछ
मखान
आ पान
एहन कोनो बात नहि।