भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ज़िंदगी का गीत गाना सीख लो / अजय अज्ञात
Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:48, 30 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अजय अज्ञात |अनुवादक= |संग्रह=जज़्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
ज़िंदगी का गीत गाना सीख लो
ग़म में भी तुम मुस्कुराना सीख लो
स्वप्न सब साकार होंगे एक दिन
ख़्वाब पलकों पर सजाना सीख लो
भूल कर निज हित को यारो एक पल
काम औरों के भी आना सीख लो
लांघ कर तुम नफ़रतों की खाईयां
पुल मुहब्बत के बनाना सीख लो
बस दिखावे को मिलाना हाथ क्या
दिल से अपना दिल मिलाना सीख लो