Last modified on 5 अक्टूबर 2018, at 21:14

पग्गड़ सिंह का गाना / मनमोहन

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:14, 5 अक्टूबर 2018 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

शील्ड तो ये है हमारी क्योंकि हम हैं फ़ील्ड के
फ़ील्ड में तू है कहाँ जो तुझ को दे दें शील्ड ये

शील्ड हमको चाहिए और फ़ील्ड हमको चाहिए
फ़ील्ड में जो ’यील्ड’ है वो यील्ड हमको चाहिए

सर पे पग्गड़ चाहिए और एक फ़ोटू चाहिए
बीच का पन्ना समझ ले हमको डेली चाहिए

कुछ ये किनारा चाहिए कुछ वो किनारा चाहिए
गरज़ मोटी बात ये अख़बार सारा चाहिए

चौंतरा छिड़का हुआ हो, टहलुए दस-बीस हों
इक दुनाली, एक हुक्का, एक मूढ़ा चाहिए

आना जाना हाक़िमों का, साथ मुस्टण्डे रहें
जूतियाँ चाटें मुसाहिब, दुनिया चाहे जो कहे

कौन है तू किसका पोता किस गली का है बशर
क्या है तेरी ज़ात जो तुझको भी टाइम चाहिए