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इतिहास का पहिया / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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चुटकुला कुछ यूँ था :
एक आदिम विज्ञानी ने
चौकोर पहिये का इजाद किया था
उसका कहना था
गोल पहिये पीछे भी सरक सकते हैं

बात में दम तो है

इतिहास का पहिया गोल है
हर पहिये की तरह
वह आगे सरकता है
जब जनता
उसे सामने की ओर धकेलती है
ख़ासकर जब रास्ता चढ़ाई का हो
वर्ना वह पीछे सरक सकती है

इतना तो ख़ैर तय है

दिक़्क़त सिर्फ़ इतनी है
उसे धकेलने वालों की अगली पाँतों में
कुछ ऐसे भी शख़्स हैं
जिनके दिमाग चौकोर हैं
और वे हमेशा इस फ़िराक़ में रहते हैं
गोल पहिये को चौकोर बना दिया जाय
ताकि वह पीछे की ओर न सरके