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जला दो मशालें / असंगघोष

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मुझे वह नरभक्षी भेड़िया
साफ़ दिखाई दे रहा है
दूर से
अपनी ओर आता हुआ,
उसे आने दो
नज़दीक
मेरे पास तक
उसे सारे अवरोधों को
कूदते-फाँदते
चले आने दो
कोई चिन्ता न करो
उसे थोड़ा और पास आने दो !
फिर जला दो मशालें
इस भयावह रात में व्याप्त
घने अन्धेरे को दूर करने
अपनी मशालें जला दो
ताकि रोशनी में
साफ़ दिखाई दे सके
चमकते नुकीले दाँतों, और
खतरनाक मंसूबों के साथ
वह आदमखोर !

उसे हमारी जद में आने दो
इस बार नहीं बचेगा वह
उसे ज़रा और
पास आने दो
हम मिलकर मुक़ाबला करेंगे
उसके ख़तरनाक मंसूबों को
उजागर कर
उसे बेनक़ाब करेंगे
सबके सामने

हमारी मशालों की रोशनी में
जग के सामने नंगा होने से
कब तक बचेगा
यह नरपिशाच?