भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
उपलब्धियां / कुमार मुकुल
Kavita Kosh से
Kumar mukul (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:40, 3 नवम्बर 2018 का अवतरण (' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= कुमार मुकुल |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem>...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
निजी उपलब्धि क्या होती है
पता नहीं मुझे
गहरी नींद को मैं
रोजाना की उपलब्धि मानता हूँ
लोग मुझपर विश्वास करते हैं
यह मेरी उपलब्धि है
किसी की भी बात सुनने को
हर समय
प्रस्तुत रहता हूं
क्या
यह सहजता मेरी उपलब्धि नहीं है!
जीवन से संबंधित सहज सवालों का
मेरे पास एक माकूल जवाब होता है
और इसे मैं उपलब्धि मानता हूँ
ऐसी उपलब्धियां
मुझे रोजाना प्राप्त होती रहती हैं
हर सांस मेरे लिए एक उपलब्धि है
क्योंकि
इस क्षणभंगुर संसार में
वह मुझे
टिके रहने की ताकत
प्रदान करती है।