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काबुलीवाला / ऐ मेरे प्यारे वतन
Kavita Kosh से
ऐ मेरे प्यारे वतन
ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल कुर्बान
तू ही मेरी आरज़ू
तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको
उतना तड़पाता है तू
तुझपे दिल कुर्बान
तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबां को जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी
सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझपे दिल कुर्बान
छोड़ कर तेरी गली को दूर आ पहुंचे हैं हम
है मगर ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की कसम
जिस जगह पैदा हुए थे
उस जगह ही निकले दम
तुझपे दिल कुर्बान