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शरद का गीत / पॉल वेरलेन / अनिल जनविजय
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अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:11, 13 जनवरी 2019 का अवतरण
देर तक रोता हूँ
शरदकाल में बजती
उदास वायलिन की तरह
घायल है मेरा दिल
पीड़ित है
नीरस है बेसुरा
घनी ऐंठन है मन में
पीला हो गया है चेहरा
मुझे याद आते हैं
पुराने दिन
और रोता हूँ मैं आह भर-भर
अब जा रहा हूँ
शरद की हवा के साथ
थपेड़े खाता हुआ
सूखे मृत पत्ते की तरह
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय