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आभार; पुनः / महेन्द्र भटनागर
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मौत ने ज़िन्दगी को बड़ा ख़ूबसूरत बना दिया,
लोक को, असलियत में सुखद एक जन्नत बना दिया,
अर्थ हम प्यार का जान पाये, तभी तो सही-सही,
आदमी को अमर देव से; और उन्नत बना दिया !