भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सरस्वती वंदना / उमेश बहादुरपुरी

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ४ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:49, 1 मार्च 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उमेश बहादुरपुरी |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लाज हम्मर बचाले मइया हमरा वर दे।
तुँही वीणापाणी मइया, तूँही शारदे।। लाज...
हमर मन के तार के दे आज झनकार।
सुन ले मइया आज अपन बेटा के पुकार।
सभे मनोकामना के माता पुराऽ दे।। तुँही...
चाहिये न चाँदी-सोना ना तो हीरा-मोती।
आज हमरा दे दे मइया अपन दर के ज्योति।
जिंदगी ई भक्त के मइया तूँ सँवार दे।। तुँही...
तोर शक्ति बनादे मइया बड़का फनकार।
शरण पड़ल भक्त के तूँ मइया तार दे।। तुँही....