Last modified on 11 मार्च 2019, at 01:24

घरबे के सरग बनइबइ / उमेश बहादुरपुरी

सशुल्क योगदानकर्ता ४ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:24, 11 मार्च 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उमेश बहादुरपुरी |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

घरबे के सरग बनइबइ,
गंगाधाम काहे ले जइबइ।
काहे ले जइबइ हम काहे ले जइबइ ....
ससुरा शिव हथ सासू जी गौरा,
उनखे डोलइबन रात-दिन चौरा।
घरबे में कैलास बनइबइ।
बाबाधाम काहे ले जइबइ।। घरबे ...
लछुमन जइसन सुंदर देवरवा।
राम जइसन सइयाँ के चेहरवा।
घरबे में अयोध्या बनइबइ।
अवधधाम काहे ले जइबइ।। घरबे ....
बड़की गोतिनियाँ ओढ़ावे अँचरवा।
छोटकी ननदिया लगाबे कजरवा।
अपन घरबे के चक्कर लगइबइ।
चारो धाम काहे ले जइबइ।। घरबे ....