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न´् करिहें गुमान / उमेश बहादुरपुरी

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ई देहिया पर न´् करिहें गुमान।
न´् काम देतउ तोरा रे नादान।।
बेटवा-पुतहुआ ले रात-दिन सोंच हें।
पोतवा-पोतिया ले दोसर के नोचऽ हें।
चढ़के छतिया पर लेतउ तोहर जान।। न´् ....
बेटिया आउ दमदा ले सब-कुछ करऽ हे।
नतिया-नतिनियाँ ले रात-दिन मरऽ हें।
हो जइतउ ऊ तो एक-दिन बेईमान।। न´् ....
अभियो तूँ कर ले शिव के भजनियाँ।
बन जइमे रजवा बन जइमे रनियाँ।
गोड़ छूतउ तोहर धरती-असमान।। न´् ....