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चल्ले पड़तो / उमेश बहादुरपुरी

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गोरी तोहरा रहे पड़तो हम्मर दिल के बीचे।
जन्ने जइबो चल्ले पड़तो तोहर पीछे पीछे।।
बूझ बुझाबऽ न´् सैयाँ तूँ साफ-साफ तनी बोलऽ।
चाँदी सोना सन कहियो भी हमरा न´् तूँ तोलऽ।
तोहरा पड़तो हमरा पर सब दिन प्यार उलीचे।
जन्ने ....
सोना-चाँदी के बात तूँ छोड़ऽ लेलऽ हिंदुस्तान।
अगर कोय कमी रह गेलइ लेलऽ सारा जापान।
तोहरे किरिया हम मर जइबो प्यार के पड़तो सींचे।।
जन्ने ....
फुटानी न´् तूँ छाँटऽ पिया हो तोहर मन बेइमान।
हमरा पता हे तोर मुट्ठी में हे केतना भारत-जापान।
प्यार करेले चल्ले पड़तो तोहरा बाग-बगीचे।
जन्ने ....
खुल्लम-खुल्ला प्यार करम काहे ले बाग-बगीचे।
आबऽ गले-से-गले मिलाबऽ कोय न´् रहम अब नीचे।
दूर-दूर हम बड़-दिन रहलूँ अब हम रहम नगीचे।।
जन्ने ....