शारदे माँ को केवल नमन चाहिए.
साधना पंथ का अनुगमन चाहिए॥
गर्व की बात या कर न अभिमान की
ज्ञान की ओर तेरी लगन चाहिए॥
मुक्ति का द्वार खुल जायेगा आप ही
जाह्नवी नीर का आचमन चाहिए॥
जगमगायेगी तम से भरी यह जगह
एक जलते दिए की किरन चाहिए॥
जुगनुओं ने भी रोशन किये घोंसले
पाँव को अब न कोई थकन चाहिए॥
हार जाएँगी सब मुश्किलें है राह की
आँख में जीत का एक सपन चाहिए॥
हाथ में ले मशालें चलो चल पड़ें
साथ साहस भरा एक मन चाहिए॥