भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
संकल्प / मृत्यु-बोध / महेन्द्र भटनागर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:18, 6 अगस्त 2008 का अवतरण (संकल्प / महेन्द्र भटनागर moved to संकल्प (मृत्यु-बोध) / महेन्द्र भटनागर)
पूर्ण निष्ठावान
हम,
आश्वस्त हो उतरे
विकट जीवन-मरण के
द्वन्द्व में !
बन सिपाही
अमर जीवन-वाहिनी के,
घिर न पाएंगे
विपक्षी के किसी
छल-छन्द में !
हार जाएँ,
पर, वर्चस्व मानेंगे नहीं
तनिक भी मरण का,
अधिकार अपना
छिनने नहीं देंगे
जीवन वरण का !
जयघोष गूँजेगा
चरम निश्वास तक,
संघर्षरत
बल-प्राण जूझेगा
शेष आस / प्रयास तक !