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अनुपस्थिति / जैक़लिन टर्नर / राजेश चन्द्र

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बहीखाते रोशन करते हैं ख़बरों को ।
नीति कार्यप्रणाली को समीकृत करती है,
नियत करती है कि कौन क्या है ।
तुम दर्ज़ करते हो इसे,
प्रत्यक्ष करते हो उस स्थान को
जहाँ से हो सकता है रिसाव रोशनी का ।
इस बीच, एक पेंसिल मिटा देती है
काँपते हुए विचारों को ।
संख्याएं निर्धारित कर सकती हैं भूगोल को,
उसी प्रकार से सन्तुलित भी ।
(हर प्रकार से मैं करता हूँ धारण तुम्हें,
बुलाता हूँ भीतर)
बारिश अन्ततः उड़ जाती है वाष्प बन कर
और इतनी गर्मी हो जाती है कि सोया जा सके ।
तुम जीवित नहीं रह सकते बग़ैर हिम्मत, बग़ैर पनाले के ।
वापसी घिस देती है, चाहे वह कोई टाइपराइटर हो
या फिर खड़ी कारों से खचाखच भरा कोई रास्ता ।
वृक्षलता ओट देती है । बना रहता है प्रेम ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र