Last modified on 1 मई 2019, at 23:28

महिमा महान / ब्रह्मदेव कुमार

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:28, 1 मई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ब्रह्मदेव कुमार |अनुवादक= }} {{KKCatAngikaRac...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सबके पढ़ै-लिखै रोॅ, सपना भेलै साकार हो।
धन्य साक्षरता अभियान के, गुण छै अपार हो।।

घर-घर पढ़ाबै के योजना, करलकै तैयार हो।
अनपढ़, गरीब, लोग सब, करै जय-जयकार हो।।

गईया-भैंसिया जे चराबै, मजदूरी सेॅ जें कमाबै।
सब पढ़ी-लिखी हो भैया, बनतै होशियार हो।।

पढ़लोॅ-लिखलोॅ छै जे किसान, खेती सें भी पाबै छै मान।
पढ़ी-लिखी जों खेती करतै, भरतै घर-भंडार हो।।

पिया जे परदेश बसै छै, लिखी-लिखी पाती भेजै छै।
पढ़ी-पढ़ी मनमां मोरा, पाबै प्रीत अपार हो।।

सरकारें चलैये जे देलकै, साक्षरता अभियान हो।
धन्य-धन्य ई अभियानोॅ के, महिमा महान् हो।।