सबके पढ़ै-लिखै रोॅ, सपना भेलै साकार हो।
धन्य साक्षरता अभियान के, गुण छै अपार हो।।
घर-घर पढ़ाबै के योजना, करलकै तैयार हो।
अनपढ़, गरीब, लोग सब, करै जय-जयकार हो।।
गईया-भैंसिया जे चराबै, मजदूरी सेॅ जें कमाबै।
सब पढ़ी-लिखी हो भैया, बनतै होशियार हो।।
पढ़लोॅ-लिखलोॅ छै जे किसान, खेती सें भी पाबै छै मान।
पढ़ी-लिखी जों खेती करतै, भरतै घर-भंडार हो।।
पिया जे परदेश बसै छै, लिखी-लिखी पाती भेजै छै।
पढ़ी-पढ़ी मनमां मोरा, पाबै प्रीत अपार हो।।
सरकारें चलैये जे देलकै, साक्षरता अभियान हो।
धन्य-धन्य ई अभियानोॅ के, महिमा महान् हो।।