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हमरोॅ पावन देश / ब्रह्मदेव कुमार
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हवां पंखा जहाँ डोलाबै, मेघें पानी पियाबै
झैरी भरी-भरी आबै, हमरोॅ पावन देश।
हमरोॅ भारत देश॥
सुग्गां सगुन उचारै, कौवा सन्देश सुनाबै
कोयलें गीत मिट्ठो गावै, हमरोॅ पावन देश।
हमरोॅ भारत देश॥
जहाँ बहै गंगा-धार, बरसै यमुना के प्यार
सरस्वती गावै राग-मल्हार, हमरोॅ पावन देश।
हमरोॅ भारत देश॥
ऋषि-महर्षि केरोॅ ज्ञान, जहाँ धरै नित ध्यान
सोची देशोॅ के कल्याण, हमरोॅ पावन देश।
हमरोॅ भारत देश॥
हिमालय के चोटी न्यारा, हर-हर महादेव के नारा।
मान सरोबर देव-पयारा, हमरोॅ पावन देश।
हमरोॅ भारत देश॥
जहाँ सत्य-अहिंसा के राज, अध्यात्म के सजै साज
विश्वगुरू के पिन्हलोॅ ताज, हमरोॅ पावन देश।
हमरोॅ भारत देश॥