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बेटियाँ / कविता कानन / रंजना वर्मा

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लोग कहते हैं
पढेंगी बेटियाँ
तो बढ़ेंगी बेटियाँ
लेकिन यह तो
तभी होगा
जब जन्मेंगी बेटियाँ
जियेंगी बेटियाँ
और यह
तभी सम्भव होगा
जब हम जागेंगे
जब हम
बेटी की कीमत समझेंगे
उसे उसका स्थान देंगे
सम्मान देंगे
और देंगे
आगे बढ़ने के लिये
अवसर
जगायेंगे उसका
आत्मसम्मान
स्वाभिमान
आगे बढ़ने की चाह।
देंगे उसे
खुला हुआ रौशनदान
विस्तृत आसमान
जिस से
उड़ सके वह
पंख पसार
अपनी इच्छानुसार
पा कर विस्तार ......