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मैना / फुलवारी / रंजना वर्मा

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पिंजरे पली हमारी मैना।
हम सब को है प्यारी मैना॥
कितनी सुंदर कितनी भोली।
मीठी लगती उस की बोली॥
सब की नकल उतारा करती।
लेकिन दादा जी से डरती॥
दादा कहते करो नमस्ते।
मैना कहती तो सब हैंसते॥