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पहला शूद्र / कर्मानंद आर्य

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बड़ी बड़ी भुजाओं और लम्बे चौड़े टखने वाले
इतिहासों के बीच
मैं कविता का छात्र
खोज रहा हूँ अपना पुरुखा
कैसा था उसका मुख
कैसी थीं उसकी अस्थियाँ
कैसा इतिहास भूगोल था उसका
वह कितना खाता था
उसके गुण, कर्म, स्वभाव में थी कौन सी लचक थी
शेष तीन वर्णों ने उसे दुत्कार दिया
सुदास से पहले और बाद में
कितनों को बनाया गया शूद्र
इसका विवरण किसी किताब में नहीं
कोई वेद नहीं बताता उनके वितरण की कहानी
कौन था वह
जिसके हाथ में डाली गई पहली हथकड़ी
कौन था वह जिसके पैरों को पहली बार बाँधा गया
कौन था जो पहली बार बिका खुले बाजार
उसके चेहरे पर भाव कैसा था
क्या वह कोई स्त्री थी या था कोई पुरुष
वह कौन अबोध बालक था
जिसे गुजरना पड़ा होगा शुद्र्त्व के गहरे जल से
वह कौन नागरिक
जिसे मनुष्य होने के हक से वंचित किया होगा धर्मसत्ता ने
सभ्यता के मुहाने पर
मुझे अपने पहले पुरखे से मिलना है
बहुत सारी सुख-दुःख की बातें करनी हैं
कुछ भुक्त भोगी कहानियां उससे सुननी है
कुछ आत्मानुभव उससे शेयर करना है
कोई तो बताओ !!!
कौन था मेरा पुरखा !!!!!!