किताबें नफरत सिखाती हैं / कर्मानंद आर्य
जैसे जैसे बढ़ता जाता हूँ
कक्षा से आगे
मेरी किताब मोटी होती जाती है
उसमें साइबेरिया से लेकर सवाना तक
हरे भरे दिखाई देते हैं जंगल
राम और लक्ष्मण
मनुष्य बन कर आते हैं मेरी किताब में
सीता बनकर आती हैं खांटी स्त्री
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है सब पढ़कर
मेरी रूचि इतिहास में जगती है
मैं खोजने लगता हूँ अपना इतिहास
ब्राह्मणों का इतिहास
राजपूतों का इतिहास
दिनकरों का इतिहास
बनियों का इतिहास
मुंडाओं का इतिहास
इतिहासों का इतिहास
मुझे किताबों से नफरत होने लगती है
वहां नहीं है कहीं हमारा इतिहास
किताबें सचमुच नफरत सिखाती हैं
दिनकर विहीन लोगों को ?
क्या इतिहास सचमुच इतिहास है
जहाँ नहीं है हम
झूठी किताबें हैं
विजेताओं का इतिहास
क्रूर हिंसकों का इतिहास
शोषकों का इतिहास और कुछ नहीं