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प्यार करना उसे सिखा दूँगी / अलका मिश्रा

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प्यार करना उसे सिखा दूँगी
मोम, पत्थर को मैं बना दूँगी

प्यार का गुल वफ़ा की ख़ुशबू हूँ
और उसको भला मैं क्या दूँगी

फिर वो मुझ तक ही लौट आएगा
उसको वादों का वास्ता दूँगी

अपनी आँखों को अब के तोहफ़े में
उस के ख़्वाबों का सिलसिला दूँगी

मेरी जानिब वो आ गया जिस दिन
वापसी के निशाँ मिटा दूँगी