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कम / स्नेहमयी चौधरी
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जब मैं कुर्सी, मेज़, आइरन, टोस्टर,
फ्रिज
टी.वी. आदि चीज़ों
और वैसे व्यक्तियों के बीच रहती हूँ
तो जड़ हो जाती हूँ।
जब मैं पेड़ों, पौधों, पत्तियों, फूलों, पक्षियों,
नदियों, जंगलों, खेतों, खलिहानों,
खुले आसमान, पहाड़, दरिया
जैसी चीज़ों और लोगों के बीच होती हूँ
तो जी उठती हूँ।
मेरे पास जड़ होते जाने के अधिक अवसर हैं,
- जीने के कम।